Tuesday, 24 December 2013

यह कैसा


यह कैसा छाया
अंधेरा है
चाँद को काले
बादलो ने घेरा है
राह कोई नज़र
आती ही नहीं
आगे जाने की
तलब बाकी है 

Tuesday, 16 July 2013

सांस लेता हूँ

सांस लेता हूँ
मगर ज़िंदा नही
दिल है पर
धड़कता नहीं
प्यार करता हूँ
मगर दिलबर नहीं