हर रोज़ तेरी एक झलक पाने को
तेरी खिड़की के नीचे खिचा चला आता हूँ
घंटो खड़ा रहता हूँ पर बंद खिड़की को देख
हताश होकर मैं वापिस चला जाता हूँ
तेरी खिड़की के नीचे खिचा चला आता हूँ
घंटो खड़ा रहता हूँ पर बंद खिड़की को देख
हताश होकर मैं वापिस चला जाता हूँ
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