SaruKeDilSe
Tuesday 24 December 2013
यह कैसा
यह कैसा छाया
अंधेरा है
चाँद को काले
बादलो ने घेरा है
राह कोई नज़र
आती ही नहीं
आगे जाने की
तलब बाकी है
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